मेरा आज तक का एक हवाला,सरकारी नौकरी,मूल वेतन-ग्यारह हज़ार आठ सौ,मकान किराया-ग्यारह सौ अस्सी रुपये,महंगाई भत्ता-पैसंठ फीसदी-सरकारी बीमा-बाईस रूपए मासिक,एन.पी.एस. कटौती-उन्नीस सौ रूपए,आरामदायक ज़िंदगी,शाही ज़िंदगी के लेवल से बहुत दूर,गाँव से दूर,माँ-पिताजी से दूर,आम बेटों की तरह पत्नी से निकट,एक ही संतान को बस मानने वाला मैं बेटी के करीब,अपनी रूचि के काम के ठीक पास,बिना पोलिस के जूते,पहले से ज्यादा कपड़े,पैदल से साईकल और अब मोटर-साईकल,वज़न कुछ बढ़ा है,दाढ़ी-मूंछ कभी घनघोर-कभी गायब,घर में दो मोबाईल,एक बेसिक फोन,एक टी.वी.एक कम्यूटर,ढ़ेर सारी किताबें,ज़रूरत के मुताबिक़ बर्तन,आरामदायक मकान और उसके सहुलियतभरे मालिक,सत्रह किलो मीटर की दूरी पर नौकरी का स्थान,अक्सर किले पर जाने की आदत,यही कुछ है मेरे हवाले से.
14 फ़रवरी, 2012
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