आज ही स्कूल से घर लोटते ही शाम की चाय पर कोटा के हमारे वरिष्ठ साथी अतुल कनक का हाल ही केन्द्रीय साहित्य अकादेमी सम्मान से नवाज़ा जा चुका राजस्थानी उपन्यास 'जूण जातरा' डाक से मिला.कोटा के साथी डॉ. वीरेंद्र सिंह गोधारा ने कहीं से संभाल कर एक प्रति भेजी है.आजकल सम्मानित/पठन योग्य/चर्चित किताबें ही पढ़ पाता हूँ.
27 फ़रवरी, 2012
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