कल हमारे साथी डॉ.कनक जैन से 'शुक्रवार' का साहित्य विशेषांक मिला अब पढ़ता हूँ.हमारे एक वरिष्ठ साथी प्रकाश खत्री जी ने इसी पत्रिका में छपे आकाशवाणी पर एक आलेख के लिए रिकमंड भी किया है.इसी बीच मेरे सबसे प्रिय कवि चंद्रकांत देवताले की प्रतिनिधि कविताओं का संकलन किताबघर प्रकाशन से आया है.कल ही डॉ. रेनू व्यास दी ने थमाया.मतलब कुछ दिन की वैचारिक सामग्री आ गयी
07 अप्रैल, 2012
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