कुछ काम हमेशा बाकी कामों की फेहरिश्त में शामिल रहते हैं। मसलन
- स्टील के पुराने घड़े को जालन लगवानी है
- दीमक की दवाई लाना बाकी ही है
- मोबाईल का कवर लाने में देरी से आखिर खरोचे आ ही गयी
- टांड की सफाई में इतनी लेटलतिफ़ी क्यों
- गैस के बर्नर में झार ज्यादा आ रही है नोब बदलवा लाना है
- गाड़ी की हेड लाईट लगवाने का मन बना दो महीने से ऊपर हो गए मगर लाईट अब तक ..
- सोच रहा हूँ एकाध किताब छपवा लूं
- घर का मकान बनवा के भी कितना खुश हो लूंगा भला
- हमविचार मित्रों के साथ एकांत में संगीत और बातें हो बस
- लम्बी छूट्टियाँ और परिवार हो और बीच में केवल फुरसत हों
- मन से लगातार अच्छी कवितायेँ फूटे
- शहर में रहकर गाँव सोचना चाहता हूँ
- कुछ दिन आदिवासी की तरह जंगलों में वास
- पहाड़ों की यात्रा और अनजानों की संगत
- रेडियो पर मनमाफिक गीत बजे और उन्हें सुनने/महसूसने का खुला वक़्त
- ज़माने के हिसाब से चश्मे का फ्रेम बदलवा लेना चाहिए
- लेनदेन का हिसाब सही कर लेना
- ज़रूरी फाईलों की सार-संभाल
- दूर के रिश्तेदार से मिलने जाना
- संस्मरण लिखकर अतीत को सहेजना
- सच को सच कहने की हिम्मत जुटाना
- नई पगडंडी बनाना
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