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18 अगस्त, 2012

18-08-2012

कुछ काम हमेशा बाकी कामों की फेहरिश्त में शामिल रहते हैं। मसलन

  • स्टील के पुराने घड़े को जालन लगवानी है 
  • दीमक की दवाई लाना बाकी ही है 
  • मोबाईल का कवर लाने में देरी से आखिर खरोचे आ ही गयी
  • टांड की सफाई में इतनी लेटलतिफ़ी क्यों
  • गैस के बर्नर में झार ज्यादा आ रही है नोब बदलवा लाना है 
  • गाड़ी की हेड लाईट लगवाने का मन बना दो महीने से ऊपर हो गए मगर लाईट अब तक ..
  • सोच रहा हूँ एकाध किताब छपवा लूं 
  • घर का मकान बनवा के भी कितना खुश हो लूंगा भला 
  • हमविचार मित्रों के साथ एकांत में संगीत और बातें हो बस 
  • लम्बी छूट्टियाँ और परिवार हो और बीच में केवल फुरसत हों 
  • मन से लगातार अच्छी कवितायेँ फूटे
  • शहर में रहकर गाँव सोचना चाहता हूँ
  • कुछ दिन आदिवासी की तरह जंगलों में वास
  • पहाड़ों की यात्रा और अनजानों की संगत
  • रेडियो पर मनमाफिक गीत बजे और उन्हें सुनने/महसूसने का खुला वक़्त
  • ज़माने के हिसाब से चश्मे का फ्रेम बदलवा लेना चाहिए 
  • लेनदेन का हिसाब सही कर लेना 
  • ज़रूरी फाईलों की सार-संभाल
  • दूर के रिश्तेदार से मिलने जाना
  • संस्मरण लिखकर अतीत को सहेजना
  • सच को सच कहने की हिम्मत जुटाना 
  • नई पगडंडी बनाना

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