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04 जनवरी, 2010

दिल बहुत दुखी है

साल की शुरूआत ही खराबं चल रही है हुवा यूँ कि मेरा कोई अपना मुझसे रूठ गया और गुस्सा हो गया.बाद में दिल बहुत देर तक रोता रहा. खैर मेरे दिल कि बात को ऊपर वाला तो देख रहा ,यही सोच कर दिल को सहलाया.वो तो न्याय करेगा ही.वैसे भी दिल तब ज्यादा दुखता है जब कोई अपना ही रूठ जाता है.बाकी तो जीवन में ऐसी घटना घटती रहती है ही. एक बात कहूँ उनके बगैर मैं बिलकुल अकेला हूँ.अधूरा हूँ.मेरे अभी तक के सफ़र में उनका बहुत बड़ा हाथ है.उनके नाम मेरी डायरी में बहुत सारे पन्ने लिखे है.मैं हमेशा उनके मेरे लिए विअसे ही विचारों वाला होने का इन्तजार करता रहूंगा.

माणिक




5 comments:

  1. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी टिप्पणियां दें

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  2. इस नए वर्ष में नए ब्‍लॉग के साथ आपका हिन्‍दी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. आशा है आप यहां नियमित लिखते हुए इस दुनिया में अपनी पहचान बनाने में कामयाब होंगे .. आपके और आपके परिवार के लिए नया वर्ष मंगलमय हो !!

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  3. apne rooth jaye to bahut takleef hoti hai .mamaa lena chahiye unhe jinke bina hm rah hi nhi skte .
    sorry bol dijiye ek baar ,do baar, baar baar
    jarur pighlega
    naraj hai pr tdp udhr bhi km nhi hogi .rishte,dosti sb isi pyar ke bl pr chlte hain ,zindaa rahte hain ,narajgi chlti rhti hai ,pyar me kmi na aaye na idhar se na udhar se.ruthna mananaa ,manaanaa ruthanaa yhi to zindgi hai ,nanhe dost

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