कल सुवेरे वाली गाड़ी से आबू रोड़ चले जायेंगे.स्पिक मैके का राज्य अधिवेशन होना है। चित्तौड़ से छबीस बन्दे जायेंगे। दो टेक्सी की है। दोनों में एक एक पांच लीटर की पानी केन रहेगी। नास्ता रास्ते में करेंगे सुबह चार बजे लोगों को जगाने और बिठाने का जिम्मा हमारे युवा साथी रमेश प्रजापत और प्रदीप जी दीक्षित का रखा है। कम उम्र के लोग एक गाडी में होंगे बाकी जिनकी उम्र युवा जैसे नहीं मगर दिल युवाओं सा है वे एक गाड़ी में। गाने बजाने का पूरा इंतज़ाम। अंतिम समय तक केंसल होने और नए नाम जोड़ने की परम्परा यहाँ भी निभाई गयी है। सारे नियम ताक में रखते हुए। खैर। मन में पर्याप्त उत्साह है। वर्धा से हिन्दी में शोध किये साथी कालू लाल कुलमी भी इस बार स्पिक मैके से जुड़ने के बहाने इस यात्रा में हमारे साथ होंगे।
कल शाम पंडित शिव कुमार शर्मा जी को लम्बे समय बाद लाइव सुनूंगा.भरतनाट्यम नृत्य के ज़रिये मैं जिनसे बहुत प्रभावित हूँ नृत्यांगना रमा वैद्यनाथन से मुलाक़ात होगी.परसों सुबह पंडित विश्व मोहन भाट जी को सुनने को मिलेगा.तीनों पहचान से कलागुरु.एक अपरिचित कलाकार होंगी गायिका रणीता डे.....रविवार 22 जुलाई की दोपहर के बाद का वक़्त माउंट आबू में कटेगा,सोचकर ही गुलगुले छूट रहे हैं।यात्रा में हमारे आकाशवाणी के नई साथीन जोशी बहिने कोमल और सीमा भी स्पिक मैके के आस्वादन हेतु आ रही हैं।डॉ.ए .एल. जैन इतने बड़े ट्यूर में स्पिक मैके के लिए पहली बार जा रहे हैं। कुछ नए दोस्तों के साथ पुराने साथी भी साथ होंगे। आनंद का ठिकाना नहीं है। इस बार के गड़बड़ मानसून के कारण भरी गर्मी के मौसम में शायद माउंट आबू में कुछ ठंडक हो। यही मृग तृष्णा लेकर आगे बढे जा रहे हैं।बाकी आने के बाद।
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