'पी एचडी' कर लेने को किसी विद्वता की निशानी समझना बहुत बड़ी गलतफहमी होगी।ये महज थोड़ी सी 'शोध समझ' आ जाने का संकेत है।ये एक द्वार है जिससे आगे का रास्ता खुलता है।पढ़ने का सही ढंग विकसित होना शुरू होता है। एक तहज़ीब आती है। पी एचडी करने के बाद कोई तथाकथित रूप से 'महान' आदमी की श्रेणी में आ जाने के विचार को ज्यादा तूल देता है तो वो गलत है।-डॉ सत्यनारायण व्यास ने कल फोन पर हुयी बातचीत में मुझे कहा।
30-12-2012
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Diary,
Dr.Satyanarayan Vyas
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