(ये गीत ’राजस्थानी लोकाचार गीत’ पुस्तक से साभार लिया है,जो कि चन्द्रकान्ता व्यास(सम्पर्क सूत्र-01472-241532) ने लिखी है और वेस्ट ज़ोन कल्चरल सेन्टर,उदयपुर द्वारा प्रकाशित की गयी है.-श्री अंकित प्रकाशन,450,वीणानगर,सेक्टर-नम्बर-6,उदयपुर,राजस्थान )
पालणो
थूं तो जाजे रे खाती डुंगरां,
थूं तो लाजे हरिया बांस रे,
सुरजमल हीन्दे पालणे,
थूं तो काट घलाजे रूडो पालणी,
जीमें रेशम डोर पवाय रे,
पारसमल हीन्दे पालणे,
गड्यो जी गडायो पालणो,
ऊ तो घाल्यो जी सामली साळ ए,
अबरीमल हीन्दे पालणे,
नान्या आविया दादासा हीन्दो दे गिया,
लाला आया काकासा हीन्दो दे गिया,
थोडा लाड लडाऊं गोद्यां आव रे,
सुरजमल हीन्दे पालणे,
होळी
ऊबी रै ये होळी माता,
रखडी गडा द्यूं ,
रखडी ने बाळू जाळू,
जास्यां म्हारा बाप के,
ऊबी रै ये होली माता,
थारे जुठणा नै घडा दूं,
जुठणा नै बाळू जाळू,
जास्यां म्हारा बाप के,
ऊबी रै ये होळी माता,
थारे तमण्यो घडा दूं,
तमण्यां नै बाळू जाळू,
जास्यां म्हारा बाप के,
ऊबी रै ये होळी माता,
थारे पायळ घडा द्यूं,
पायळ नै बाळू जाळू,
जास्यां म्हारा बाप के,
संकलन:माणिक
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