हालातों पर सामान्य टिप्पणियाँ जो आपस में सम्बन्ध रखती भी है और नहीं भी
- जबसे ये 'नया सीरियल' चला है तब से पहले के सारे सीरियल पुराने लगने लगे हैं.ज़बान है कि इसे चस्का लग गया है.कहती है अंजाम तक पहुंचे बगैर इस 'नए वाले सीरियल' को छोड़ेंगे नहीं।
- उनकी करोड़ों की दौलतवाले 'आंकड़ों' में हमारी मुर्खता भी शामिल समझिएगा।
- इस विकट दौर में कई मुसीबतों की एंटीबायोटिक-कम-रामबाण औषधि है 'चीजों पर संदेह करने की आदत पालना'।
- 'प्रतिबद्धता' ही एक मात्र चुम्बक है जो एक मेहनती और ईमानदार एक्टिविस्ट को बार-बार ठीक कर उत्तर दिशा इंगित करता है।
- 'संस्थाओं/समूहों/मंचों का इस्तेमाल करना' नहीं जानने वाले अगमचारियों के लिए संस्था संचालन बार-बार झमेले जैसा अनुभव होता है।
- 'अन्धानुकरण' के ठीक पहले 'ठिठकना' सीखाने वाले तमाम गुरुओं को सलाम।
- बेरोजगारी के युग में वैसे तो सारी ही नौकरियाँ मुश्किल है मगर 'वार्डन की नौकरी' मिल भी जाए तो कितना चुनौतीभरा काम है।
- शायद औपचारिक शिक्षा के बजाय अनौपचारिक ही हमें इन 'गुर्गों' से बचा सकेगी।
- अब इस देश में 'अनपढ़ों' से ज्यादा 'पढ़े लिखे ढिंढो' को पढ़ाने वाले शिक्षक चाहिए।(शिक्षक दिवस पर दिनभर सोचने के बाद लिखा स्टेटस)।
- हमारी कोशिश हो कि किताबें खरीद कर पढ़ने वालों की प्रजाति ख़त्म नहीं होनी चाहिए।
- इस बारी भी 'वंचित जनता' में अपनी दो कवितायेँ छप गयी।
- हमारे साथी डॉ राजेंद्र कुमार सिंघवी और डॉ राजेश चौधरी महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,चित्तौड़गढ़ में हिन्दी के प्रोफ़ेसर हैं। वे 'नयी सदी का पहला दशक और राजस्थान की हिन्दी कविता' पर लघु शोध प्रबंध (MRP) करने जा रहे हैं, जिसमें राज्य के नामचीन और श्रेष्ठ कवियों के नयी सदी के पहले दशक में आये हुए हिन्दी कविता संग्रहों के ज़रिए आधुनिक कविता पर काम कर पुस्तक प्रकाशित करेंगे।
- 'नयी सदी का पहला दशक और राजस्थान की हिन्दी कविता' के चयनित कवि
- विजेन्द्रऋतुराजनन्द चतुर्वेदीहेमंत शेषनंदकिशोर आचार्यदयाकृष्ण विजयवर्गीयहरीश करमचंदानीअम्बिकादत्तविनोद पदरजअनंत भटनागरप्रेमचंद गांधीहरीश भादानीप्रीता भार्गवइंदुशेखर तत्पुरुषरमाकांत शर्मा
- ''कुछ साहित्यकारों को लेकर बहुत ही कम काम हुआ है जिनमें मुनिजिंविजय जी से लेकर बावजी चतर सिंह जी, सूर्यमल्ल मिश्रण, संत भूरी बाई, विजय सिंह पथिक जैसे व्यक्तित्व शामिल हैं। ''- 'अपनी माटी 'अध्यक्ष डॉ सत्यनारायण व्यास
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