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03 अप्रैल, 2010

होने वाली मुलाकातें

जो मेरा बहुत अपना भी है और दिल के आस पास भी. जी स्पिक मैके.जहां,विद्वान् और ज्ञानवान की सांगत आसानी से मिल जाते है.बस फिर क्या चाहिए.साथ बैठेंगे तो कुछ तो सीखेंगे. 
.स्पिक मैके पूरे देशभर में अप्रेल महीने में शास्त्रीय नृत्य के आयोजन कर रहा है.जहां २९ अप्रेल को विश्व  नृत्य दिवस मनाया जाता है तो ये लोग और इनके सक्रिय सदस्य और आन्दोलनकारी मिलकर योग्य और तपस्वी कलाकारों को बुलाकर प्रस्तुतियां करवाते हैं.ये  राजस्थान  के ख़ास ख़ास स्कूल कोलेजों  में अपने कार्यक्रम देने हेतु आयेंगे ,इसी कड़ी में ये आयोजन राजस्थान में ५ अप्रेल से ही चल पड़ेंगे. आयोजन के ज़रिये ये आन्दोलन देशभर में एक बहुत बड़ा कलावादी माहौल बना रहा है.जहां कि आजकल किसी को फुरसत तक नहीं ऐसे समय में भी कुछ लोग आज भी समय दान देकर देश में हमारी कला और संस्कृति को बनाए और बढ़ने को आतुर नज़र आ रहे हैं.

मतलब साफ़ है कि वक़्त कैसा  भी हो,कुछ लोग तो  हमेशा होंगे जिन्हें हमारी धरोहर की सार-संभाल करने की पड़ेगी.ज़माना भले ही बहुत तेजी से आगे बढ़ जाए मगर हमारी असल पहचान तो आज भी इन कलावादी चिंतन और ज्ञान भण्डार की वज़ह से ही बची कुची है.जो कलाकार आने वाले हैं  उनका एक एल्बम दिखाता हु.वैसे एक बात अपने अनुभव से कहता हूँ कि जब कोई भी आज भी समय निकाल कर कुछ स्वयंसेवा नहीं करेंम मगर सजीव कार्यक्रम भी देखने जाए तो,दिल बहुत दिनों तक झंकृत होता रहता है.ऐसा आज के संगीत और कलाओं में नहीं जान पड़ता है

आरुशी मुद्गल-ओडिसी

यामिनी रेड्डी-कुचिपुड़ी 

रमा वैद्यनाथन-भरतनाट्यम 

आरुशी मुद्गल-ओडिसी 

आरुशी मुद्गल-ओडिसी 

रमा वैद्यनाथन-भरतनाट्यम


रमा वैद्यनाथन-भरतनाट्यम

लावानिया अनंत-भरतनाट्यम 

सुनंदा शर्मा-हिन्दुस्तानी गायन 

भारती शिवाजी-मोहिनीअट्टम 

भारती शिवाजी-मोहिनीअट्टम

भारती शिवाजी-मोहिनीअट्टम

भारती शिवाजी-मोहिनीअट्टम



लावानिया अनंत-भरतनाट्यम 

प्रेरणा श्रीमाली -कथक 
सायद मैं सही कह रहा हूँ.


आपका माणिक

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