''चित्तौड़ी आठम'' करके बड़ा उत्सव हमारे चित्तौड़ में आज से शुरू होगा. सालों पहले होते रहे इस आयोजन को पिछले साल से फिर शुरू किया गया.इसके प्रति जनमानस के जुड़ाव को देखने की इच्छा है कि अपनी रोज़ की ज़िंदगी में लोगों के पास किस हद तक उत्सवधर्मिता बची हुई है.ख़ास कर तब जब उत्सव हमारे नगर के जन्मोत्सव का सा आभास देता है.यहाँ बुज़ुर्ग तो इस आनंद को बहुत सात्विक रूप में सालों पहले अनुभव करत होंगे मगर परीक्षाओं के दौर से गुज़रती/लड़ती इस युवा पीढ़ी के पास वक्त हो तो ही तो वे इस आठम का आनंद ले पाएंगे.संशय बरकरार है.आयोजक और हमेशा की तरह मीडिया के सहयोगी रवैये वाले उत्साह को सलाम.
27 अप्रैल, 2012
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