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17 मार्च, 2014

थीम म्यूजिक प्रोग्राम 'उदास रातों का चाँद'


महीनेभर पहले की बात है मैंने
एक प्रोग्राम किसी थीम को लेकर दिया था.
थीम थी 'उदास रातों का चाँद' सोचा
अपने मित्रों को उसकी ऑडियो रिकोर्डिंग सुनाऊँ.
यह चित्रकारी हमारी जयपुर की
मित्र ईरा टाक का बनाया हुआ है
उन्हीं से बिना पूछे यहाँ चस्पा कर रहा
 हूँ.
(बचपन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में
अपनी प्रस्तुति के ठीक पहले
बोले जाने वाले अमर वाक्यांशों में से
'इसमें कोई ग़लती हो तो मुझे क्षमा करें'
जैसा वाक्य यहाँ भी दोराहाना चाहता हूँ.)

https://soundcloud.com/apni-maati-dot-com/a-program-on-theme-udaas
माणिक
(सन 2000 से अध्यापकी।
स्पिक मैके आन्दोलन में 
बारह वर्षों की सक्रीय स्वयंसेवा। 
साहित्य और संस्कृति की मासिक ई-पत्रिका 
अपनी माटी की स्थापना। 
कई राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सवों में प्रतिभागिता। 
ऑल इंडिया रेडियो से अनौपचारिक जुड़ाव। 
अब तक मधुमतीकृति ओर , 
परिकथा, वंचित जनता, 
कौशिकी, संवदीया  और 
पत्रिका सहित विधान केसरी  
जैसे पत्र  में कविताएँ प्रकाशित। 
कई आलेख छिटपुट जगह प्रकाशित। 
माणिकनामा के नाम से ब्लॉग 
और माणिक की डायरी  का लेखन। 
अब तक कोई किताब नहीं, कोई बड़ा सम्मान नहीं। 
सम्पर्क-चित्तौड़गढ़-312001, राजस्थान। 
मो-09460711896,
 ई-मेल manik@apnimaati.com  )






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