देख नजारा थम गया मैं भी आज की जहां किले में थमी हुई देखी अलग-अलग इमारतें एकसाथ आपस की बातें बेलती कुछ दूर ऐंठी हुई हवेलियाँ थी ...

देख नजारा थम गया मैं भी आज की जहां किले में थमी हुई देखी अलग-अलग इमारतें एकसाथ आपस की बातें बेलती कुछ दूर ऐंठी हुई हवेलियाँ थी ...